विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। बीते दिनों बीजेपी संसदीय बोर्ड बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के पार्टी सांसदों की क्लास लगाई और कुछ सवाल पूछे। लेकिन हैरानी की बात यह कि इन सांसदों की जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारियों की पोल खुल गई। पीएम के सवाल पर सभी सांसद मौन साधे रहे। मीडिया में सामने आई कुछ रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के सभी सांसदों के साथ सोमवार को बैठक की और सरकार के कामकाज को लेकर सांसदों की सुस्ती पर कड़ा रुख दिखाया। बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे।
रिपोर्टों के अनुसार, बैठक के दौरान पीएम मोदी के दो सवालों ने बीजेपी सांसदों के पसीने छुड़ा दिए। मोदी ने सांसदों से पूछा कि उत्तर प्रदेश से आने वाले 71 सांसदों में से किन्हें इस बात की जानकारी है कि उनके संसदीय क्षेत्र में दीनदयाल ज्योतिग्राम योजना के तहत कितने गांवों में बिजली पहुंची है। इसके बाद पीएम ने फिर पूछा कि कितने सांसदों ने पीएमओ एप डाउनलोड की है। दोनों ही सवालों पर किसी सांसद ने कोई जवाब नहीं दिया।
जानकारी के अनुसार, इस बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बारे में भी चर्चा की गई। सरकार की उपलब्धियों के जनता तक नहीं पहुंचने पर चिंता जताई गई। बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चुनावों में ज्यादा समय नहीं बचा है। इसलिए पूरा ध्यान इस पर देने की जरूरत है। संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू ने बैठक के दौरान सांसदों से कहा कि वे जेएनयू और रोहित वेमुला सुसाइड केस में सरकार और पार्टी के रुख को जनता के बीच लेकर जाएं। कांग्रेस इस मामले में दबाव में है, इसके चलते पार्टी इसे भुनाए। वेंकैया नायडू ने सांसदों को उनके लक्ष्यों के बारे में बताया और उनसे लोगों के बीच राष्ट्रीय हितों के बारे में भाजपा की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने को कहा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसदों से कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र में विजेता के रूप में जाएं। सरकार ने रेल और आम बजट में गरीबों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी सांसदों से कहा है कि वे बजट सत्र के दूसरा हिस्सा शुरू होने से पहले की अवकाश की अवधि में जनता के बीच जाकर बजट के किसान एवं गरीबों के हितों से जुड़े आयामों के बारे में लोगों को बताएं। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने कहा है कि इस बजट से लोगों के बीच जीत की भावना पैदा हुई है। संसद के बजट सत्र के पहले चरण के समाप्त होने से एक दिन पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक में जेएनयू विवाद में पार्टी के आक्रामक राष्ट्रवाद के रुख का भी जिक्र हुआ। बैठक में अन्य शीर्ष नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद थे।