हिंदू संस्कृति में रोज सुबह सूर्य को जल देने की परंपरा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों देते हैं सूर्य को जल और क्या हैं इसके कारण।कहा जाता है कि जल से छनकर सूर्य की किरणें जब शरीर पर पड़ती हैं तो शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने की रीति तो कई व्रतों और त्योहारों में है. लेकिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा आमतौर पर केवल छठ व्रत में है. धर्म के साथ-साथ विज्ञान से भी जुड़ा है छठ व्रत और पूजा का रिश्ता. कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी को क्यों देते हैं ढलते सूर्य को अर्घ्य.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में होने पर उगते सूर्य को जल देना चाहिए। सूर्य के मजबूत होने से शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान रहता है। इससे कामयाबी के रास्ते खुलते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक बताया गया है। नियमित सूर्य को जल देने से आत्म शुद्धि और आत्मबल प्राप्त होता है। सूर्य को जल देने से आरोग्य लाभ मिलता है।शास्त्रों के मुताबिक सूर्य को जल तांबे के बर्तन से देना चाहिए।